हिंदी पर आपत्ति क्यों?

सही मायने में कहा जाए तो हिंदी भाषा हिंदुस्तान की धड़कन है. देश में ऐसा कोई कोना नहीं है जहाँ हिंदी का जलवा नहीं है. अहिन्दी भाषी क्षेत्रों में भी लोग हिंदी स्पष्ट और शुद्ध रूप में भले ही नहीं बोल पाते हों परन्तु हिंदी समझने में किसी को कोई परेशानी नहीं होती है. इसके बावजूद समय-असमय देश के कुछ भागों में और कुछ नकारात्मक राजनीतिक पसंद लोगों का हिंदी के विरोध में खड़े हो जाना हमारी राष्ट्रीयता पर प्रश्नचिन्ह लगने के समान है.